आज अपनी प्रमोशन पर याद बड़े भाई की आई
तुम नहीं रहे अब जहाँ में, इस का गम तो हमें सताएगा ,
ना समय अभी था जाने का, ना आभास कोई ऐसा दिया कभी था ।
ईश्वर को जरूरत थी आपकी, क्या इसी लिए दिया अनुजो को धोका , जो जीवन में रहेगा हम सब पर भारी,
चाहे कोई कुछ भी कहे, आप परिवार के विवेक पुंज थे,
अटल सत्य है यह बड़े भाई जी , नहीं भुला पायेगे आप को तुम्हारे तीनों छोटे भाई,
स्वर्ग से देते रहना मार्गदर्शन परिवार को , पहूँचना हम सब तक जीवन की अरुणाई ,
मिले अगर बाब, अमा, ताऊ और कही पपू भाई, उन को भी पहुंचना हम सब की श्रधा के फूल
ओ हमारे बड़े भाई जी,
अलविदा नहीं अभी कहुगा मैं, क्यूंकि मैं जब भी उल्झुगा जीवन पथ पर,
आप से ही तो मांगूंगा सदा जीने की राह नई ।
ना समय अभी था जाने का, ना आभास कोई ऐसा दिया कभी था ।
ईश्वर को जरूरत थी आपकी, क्या इसी लिए दिया अनुजो को धोका , जो जीवन में रहेगा हम सब पर भारी,
चाहे कोई कुछ भी कहे, आप परिवार के विवेक पुंज थे,
अटल सत्य है यह बड़े भाई जी , नहीं भुला पायेगे आप को तुम्हारे तीनों छोटे भाई,
स्वर्ग से देते रहना मार्गदर्शन परिवार को , पहूँचना हम सब तक जीवन की अरुणाई ,
मिले अगर बाब, अमा, ताऊ और कही पपू भाई, उन को भी पहुंचना हम सब की श्रधा के फूल
ओ हमारे बड़े भाई जी,
अलविदा नहीं अभी कहुगा मैं, क्यूंकि मैं जब भी उल्झुगा जीवन पथ पर,
आप से ही तो मांगूंगा सदा जीने की राह नई ।
अनुज
अमृत कुमार शर्मा
दिनांक :- 25/05/2010
Police Training College
Daroh, Distt. Kangra H.P.