Wednesday 13 May 2009

''नारी तुम्हे शत-शत प्रणाम''

''नारी तुम्हे शत-शत प्रणाम''

विश्व की सभी माताओं, बहनों तथा बेटियों को सादर समर्पित !





''नारी तुम्हे शत-शत प्रणाम''
माँ से मिली हैं सदा आशीषें, पत्नी से प्रेम का पारावार,
बहनों ने बाँधा मर्यादायों में, बेटी ने दिया स्नेहमयी संसार।
सृष्टि की हर रचना में होता है, तेरे शाश्वत, आलोकिक,
अस्तित्व का पवित्र, निर्मल साक्षात्कार,
निस्वार्थ,करुणामयी तेरा कोमल मन, देगा सदैव यही उपहार,
तू पूज्य रहेगी,प्रेम बनेगी, स्नेहिल करेगी घर संसार।
सृष्टा भी तो कृति है तेरी, जो है सकल जग का पालनहार,
नर नही पिशाच है वों, करते हैं जो नारी पर अत्याचार॥
अमृत कुमार शर्मा