Wednesday 6 May 2009

कोटेश्वर महादेव की केदारनाथ यात्रा, मंगलमय हो.

जयकार देवा

मई २००९ को श्री कोटेश्वर महादेव जी अपनी चिर -प्रतीक्षित केदारनाथ यात्रा पर निकल रहे हैं , उन के साथ उन के जिन सेवको को जाने का शुभ अवसर मिला है वह सभी जहाँ बधाई के पात्र हैं वही उन सभी का जीवन सफल हो गया है, क्यूंकि महादेव का पावन सानिध्य पाना धार्मिक जीवन जीने वाले भक्तों की आलोकिक पहचान है। महादेव की केदारनाथ यात्रा केवल एतिहासिक घटना मात्र नही है अपितु ईश्वरीय सता का एक आलोकिक घटनाक्रम है जिस पर चलकर महादेव को अपनी विद्यमानता का परिचय अपने सेवकों को देना है। कुछ वर्ष पूर्व पीछे चलकर यदि हम मनन करें , इस यात्रा पर महादेव जाने के इच्छुक रहें हैं परन्तु नियति को जो मंजूर होता है वही होता है। आज समय बलवान हुआ है कोटेश्वर महादेव की यह इच्छा यात्रा कुमारसैन में एक नये युग का आरम्भ करने जा रही है भगवन शंकर जिन के स्वरूप में हम कुमारसैन जनपद के तथा महादेव में अघाध श्रधा रखने वाले सेवक महादेव के श्रीचरणों में अपना शीश नतमस्तक कर प्रार्थना करते हैं कि महादेव अपने भक्तों पर सदैव कृपा बनाये रखे तथा जो भी उन के भक्तों पर या फ़िर कुमारसैन की उस माटी से "जिस पर चूहा बिली को खा जाता हो, अर्थात कमजोर से कमजोर व्यक्ति भी बेखोप जिस धरा पर स्वतन्त्रता से विचरण कर सकता हो", कपट करेगा उस को जो दैविक दंड हो से महादेव प्रताडित करेगें।

मैं उन आखों को सदर प्रणाम करता हूँ जो इस शुभ दिन को देखकर धन्य हुई हैं मैं उन तमाम भक्तों को शुभकामना तो देता ही हूँ जो महादेव के साथ इस शुभ कार्य में सह्पथगामी बने हैं साथ ही मैं उन के चरणों की वन्दना करता हूँ जो महादेव के पदचिन्हों पर चलकर पवित्र हुए हैं। " मैं प्रार्थना करता हूँ शिव शंकर से, जब महादेव केदारनाथ से वापिस आयगें मुझे अपना आर्शीवाद देकर अपने श्रीचरणों में बुलाकर अनुग्रिह्त करें , ताकि मैं आप के दिव्य स्वरूप के आलोकिक दर्शन कर सकूं , मैं आप की उस छवि को निहार सकू जिस का आभास आप अक्सर अपने इस तुच्छ दास को कराते रहतें हैं "।


हमारा कुमारसैन हर तरह से खुशहाल हो , कुमारसैन पर ईश्वरीय कृपा बरसे, आपसी झगडों का काला साया भी जनमानस पर न बरपे , हमारा भारत भय और आतंक मुक्त बने इसी एक कामना के साथ:



कोटेश्वर सेवक:- अमृत शर्मा