Tuesday 21 July 2009

"गाँधी के देश में अब्दुल का अपमान "

"गाँधी के देश में अब्दुल का अपमान "
कुछ ऐसी शक्शियतेँ संसार में होतो हैं जिन के नाम का स्मरण होते ही सर श्रद्धा से शीश नवानें को झुक जाता है, भारत की उन आलौकिक हस्तियों में भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री अब्दुल कलाम
का नाम भी, जहाँ तक मैं समझता हूँ सब के लिए सदैव आदर का नाम रहा है। आज जब सुबह टी .वी चैनेल आज तक पर ये समाचार सुना की इन्द्रा गाँधी हवाई अडे पर विदेशी सुरक्षा एजेन्सी अमेरिका के कुछ तुच्छ कार krindon ने भारत में ही भारत के महानायक का अपमान किया है तो दिल में एक सदमा सा लगा और सोचने पर मजबूर हुआ कि, "क्या ये गाँधी का ही देश है ? " जिस देश ने विश्व को मानवता के पाठ सिखाने की मशाल उठाई है उसी देश में हमारे ही सामने कुछ विदेशी हमारे रोल मोडल का एस तरह अपमान कर जायगे और सरकार में बेठे desh के संचालक कुछ नही कहेगें । गाँधी के देश में एक और गाँधी का अपमान ? और हमारी संसद, हमारे नेता खामोश ? क्या अमेरिका का इतना खोफ है की अपने देश के गौरव के अपमान के प्रति ठोस कार्रवाही करने की हिमत नहीं है । इस से पहले भी रिक्की पोंटिंग और उस की जलील टीम शरद पवार का अपमान कर चुकी है, लेकिन हम ने उदारता की कसम खाई है। अपमान झेलेगें पर कुछ न बोलेगे! ये कोई अंतर्राष्ट्रीय पॉलिसी नहीं है। मेरा मानना तो ये है हमारे प्रशाशन में, सता में और नेताओं में सत्य का सामना करने की हिमत नही है। हमारे नेता राजनीती को व्यवसाय की तरह लेते है, चुनाव जितना है, धन का bhandar bharna है, किसी की इज्जत आबरू जाए तो बस खामोश रहना है अगर दवाव में कुछ कहना भी parh जाए तो बस इतना ही, अभी जाँच हो रही है, रिपोर्ट आने पर कार्रवाही होगी। परन्तु ये मामला किसी राजनेता का नहीं है यदि एसा होता तो मैं ये ब्लॉग लिखता भी नहीं? कियूकी कुछ देश bhagt नेताओं को apvad मान कर baki सब के sath अगर होता तो vo kahin न kahin उस vajha का karan भी हो सकते थे परन्तु ये मामला भारत के उस सपूत का है जिसे मिसाइल पुरूष कहते है, हम जो डिगें मारते हैं उन की सब से बड़ी एक वजह हमारे आदरयोग्य महापुरुष श्री अब्दुल कलाम साहिब है। इस मामले को देश के अपमान की तरह देखना होगा



ये दो Gandhivadi है जिन पर मुझे और मेरे भारत को abhiman है !

ये अब्दुल कलाम है जो देश का सच्चा सेवक है।





ये अब्दुल कलाम की कृति हैं जिस पर भारत को गर्व है ?