कुमारसेन का अस्तित्व हजारों वर्ष पुराना है । इसके देवमई इतिहास का मैंने मेरी पुस्तक "शिव शक्ति श्री कोटेश्वर महादेव " में विस्तृत रूप से वर्णन किया है । 28 दिसम्बर 2007 को समय चक्र की क्रूरता ने , कुमारसेन के राजमहल को अग्नि के हवाले कर एक युग का अंत कर दिया था। किंतु ईश्वरीय सत्ता से बढ़कर कोई दूसरी सत्ता ब्रहमांड में नहीं है , यह शायद समय भूल गया । इस दुखद हादसे में कुमारसेन के महाराजाधिराज श्री महादेव की शक्ति को यह काल चक्र ललकार नहीं सका और महादेव की शक्ति का लोहा उसे मानना पड़ा। यह भी विडम्बना है कि कुमारसेन निर्वाचन क्षेत्र का भी राजनैतिक विलय हो जाने से इसकी पहचान को कहीं न कहीं ठेस लगी है, किंतु पौराणिक गाथाओं के अनुसार जैसा कि मैंने अपनी पुस्तक में वर्णन किया है कुमारसेन के एक मात्र राजा श्री महादेव ही हैं , जिनकी शक्तिओं से कुमारसेन जनपद भलीभांति परिचित है । आज यदि आवश्यकता है तो श्री कोटेश्वर महादेव और उनके समस्त भाई बंधुओं की दिव्य शक्तियों को पहनना और उनकी आराधना कर अपने अस्तित्व को पुनः क्षितिज तक पहुँचाना है । आज 26 वर्ष बाद श्री महादेव नें मुझे पुनः आदेश दिया है, कि मैं उनकी महिमा का गुणगान नए संस्करण में करूँ तथा जन -जन तक उनकी स्तुति को आरती रूप में प्रस्तुत करूँ इसलिए मेरे भतीजे हितेंद्र शर्मा नें यह दायित्व उठाया है। बहुत जल्द ही मेरी पुस्तक का नया संस्करण हितेंद्र के माध्यम से आपके सामने होगा तथा आपकी दैनिक पूजा क्रम में महादेव कि आरती को जोड़ने के लिए उनकी स्तुति भी प्राप्त कर सकेंगे । कोटेश्वर सबको सुमति देंगे और हमारा कुमारसेन फिर से समृद्ध होगा यह मेरा महादेव में अटूट विश्वास है -----------------
sampark :- निवेदक :-
हितेंद्र मोहन शर्मा अमृत कुमार शर्मा
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waiting ur nxt artcal
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sir, how are you, you can see my article regularaly in future please backup me & wants the best of yours also
ReplyDeletethanks to include my picture well now there is one thing lacking that is vibhu's phothgraph. papa u r providing us a huge knowledge about our past and culture.
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